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Showing posts from August, 2021

टोकियो ऑलंपिक 2020 मे रूस देश का नाम क्यु नहीं था!

 जैसे कि आपको पता है कि टोकियो ऑलंपिक 2020 का जोकि एक विशाल महामारी के कारण 2021 मे हुआ। इसमें रूस देश का नाम क्यु नहीं है जानिए। Wada (world anti doping agency) - यह एक ऐसी संस्था है, जिसके द्वारा विश्व भर के सभी अंतर्राष्ट्रीय समूह के खिलाड़ीयों पर मेडिकल /शरीर रूप से किसी नशीले पदार्थों के सेवन जिसके द्वारा शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती हैं जो कि खेल के दोरान भी यह ऊर्जा बनी रहे। ऐसे कार्य को रोकने के लिए बनाई गई है। यदि ऐसे पदार्थों के सेवन करने पर कोई खिलाड़ी पकडा जाता है तो पूरे देश के उस फार्मेट के खिलाडियों पर कुछ वर्ष के लिए प्रतिबंध लाग दिया जाता है। रूस के साथ भी यही हुआ जिसके कारण रूस खेला तो सही लेकिन नहीं उसके वास्तविक नाम से खेला और नहीं जीते हुए मेडल उसे मिले। रूस टोकियो ऑलंपिक मे (ROC)R-रूस, O-ऑलंपिक, C-काउंसलिंग, के नाम से खेला 

क्या हम बिना लीवर के जीवन जी सकते हैं! जानिए

हालांकि हम बिना लीवर के जीवन व्यतीत नहीं कर सकते, किंतु इसके कुछ भाग के साथ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। बहुत से लोग अपने लीवर के आधे से कम इससे के साथ अच्छे से काम कर पाते हैं। यदि आपका लीवर किसी कारण खराब हो जाता है। और उसका कुछ हिस्सा बच जाता है। तो वह कुछ ही महीनों में वापस अपने आकार में आ जाता है। 

भारत में संविधान निर्माण की आवश्यकता क्यूं पड़ी|

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नमस्कार दोस्तों इस आर्टिकल में जानेंगे कि भारत में संविधान निर्माण की आवश्यकता क्यों पड़ी| जैसे कि आप जानते हैं जिस प्रकार एक परिवार का मुखिया परिवार का मुख्य होता है। वैसे ही संविधान की देश मैन कुंजी है।    संविधान क्या हैं संविधान का सबसे अधिक महत्व यह है कि यह "सीमित  सरकार" की धारणा प्रतिपादित करता है। संविधान उस जाल का निर्माण करता है  जिसके भीतर किसी भी देश की राजनीतिक व्यवस्था परिचालित होती हैं संविधान निर्माण की आवश्यकता क्यूं पड़ी। 1)सरकार के मनमाने व्यावहार के प्रति संरक्षण  संविधान निश्चित नियमों का संग्रहण होता है। जिसका पालन करना जनमानस और सरकार दोनों के लिए आवश्यक होता है। सरकार पर सबसे प्रभावशाली प्रतिबंध संविधान होता है। संविधान जनमानस के प्रतिपक्ष होता है। तथा सरकार के सामने अपनी मांगों को पूरा करने का अधिकार संविधान देता है 2)सरकार की शक्ति पर नियंत्रण ऐसा माना जाता है कि जनहितकारी शासन के लिए सरकार को कभी भी निरंकुश शक्तिया नहीं दी जानी चाहिए। सीमित सरकार लोकतांत्रिक प्रणाली की आधारशिला है। संविधान द्वारा सरकार की शक्तियां नियंत्रित होने से कभी भी सरकार निर